सुनिये देशभक्त अंकल ! आप दोगले हैं

सुनिये !
पाकिस्तान के लिए जासूसी करते कल पकडे गए लोगों में से एक भी मुस्लिम नहीं है, इसलिए कोई चैनल डीबेट नहीं करायेगा। एक दिन पट्टी चलाने के बाद उसे बंद करा दिया जायेगा। आखिर मीडिया की नज़र में गद्दार और आतंकवादी जैस शब्द सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम नाम वाले लोगों के लिए हैं। क्योंकि मीडिया का तो बस एक ही मिशन है- और वो है 👉 टारगेट मुस्लिम्स एनी कॉस्ट
अगर मुस्लिम नहीं, तो वो न्यूज़ उनके कोई काम की नहीं। 11 गद्दार पकड़ाए हैं, क्या आपने ब्रेकिंग करके चलाते देखा। क्या आपने सोशलमीडिया में देशभक्ति का पाठ पढ़ाने वाले संघियों और तथाकथित देशभक्तों को इसमें कुछ बोलते सुना।
नहीं सुनेंगे आप- और कुछ बोलेंगे भी नहीं।
क्योंकि आपको भी अब वाही अच्छा लगता है, जो मुस्लिमविरोधी हो, न सिर्फ मुस्लिम विरोधी नहीं। बल्कि आपके स्वार्थ को और मनोदशा को संतुष्ट करने वाली खबर ही आपको अच्छी लगती है। खैर मैं ये सब आपसे क्यों कह रहा हूँ, आप तो दोगले हैं, आपको क्या फर्क पड़ता है।
कुछ लोगों की नज़र में दूसरों का गुनाह गुनाह नहीं, बल्कि राह से भटकना है। गुनाह तो सिर्फ मुस्लिम करते हैं।

खैर ! फिर भी मेरा ऐसा मानना है, सभी तुम्हारी तरह नहीं होते, देश 125 करोड़ आबादी वाला है। कुछ तो होंगे जो तुमसे अलग सोचते होंगे, उन्हें दिखता होगा कि कुछ कुंठाग्रस्त लोग मुस्लिमों को देशद्रोही और न जाने किन किन बुरे लक़बों से पुकारते हैं, पर वास्तविकता बिलकुल उलट है। क्योंकि इतिहास उठाकर देखिये, जासूसी करने वाले गद्दारों की लिस्ट में चंद ही मुसलमानों के नाम मिलेंगे।
उसकी वजह है, क्योंकि इस देश का मुस्लिम बाई चांस भारतीय नहीं है, बल्कि बाई च्वाईस भारतीय हैं।

जय हिन्द - जय भारत की एकता

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