तुम कलंक हो मुसलमानों के लिए

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तुम कलंक हो इस्लाम और मुसलमानों के लिए। तुम्हारी वजह से आज पूरी दुनिया का मुसलमान शर्मिंदा है। तुम इस्लाम का नाम लेकर पूरी दुनिया में जो तांडव मचा रहे हो और इस्लाम और मुसलमानों को शर्मिंदगी के दलदल में धकेल रहे हो। इंसानी जान की कोई वैल्यू तुम्हारी नज़र में नहीं, जिहाद का नाम लेकर आतंक और दहशत का नंगा नाच मचा रखे हो। क्यों इस्लाम का नाम अपने साथ जोड़ते हो। क्यों खुद को मुसलमान कहते हो? अरे तुम मुसलमान हो ही नहीं सकते। लगता है तुमने क़ुरआन को ढंग से पढ़ा ही नहीं, नबी-ए- आखिर मुहम्मद  सल्लललाहु अलैहि वसल्लम की सीरत को नहीं पढ़ा। मेरे प्यारे नबी ने इस दुनिया के लिए रहमतुल्लिल अलामीन बनकर आये थे।
बरोज़े क़यामत जब इंसान के एक एक पल और लम्हे का हिसाब लिया जायेगा। जब तुमसे पूछा जायेगा कि तुमने अपनी ज़िन्दगी कहाँ गुज़ारी तो तुम कहोंगे-
ऐ अल्लाह हमने अपनी ज़िन्दगी मासूम बच्चों की जाने लेने पर गुज़ार दी, तुम कहोगे हमने अपनी ज़िन्दगी बेगुनाहों की जानों को हलाक़ करने में गुज़ार दी। तुम बेशर्म कहोगे 👉ऐ अल्लाह हमने अपनी ज़िन्दगी विस्फोट करने में गुज़ार दी। तुम्हारी बेशर्मी की हद्द ये होगी कि तुम ख़ुदकुशी जैसे कायराना काम को भी सुसाईड अटैक के नाम से बयां करोगे। अरे बदबख्तों ज़रा सोचो- क्या जवाब दोगे अल्लाह तआला को। तुम्हारे हाथ न जाने कितने मासूमों के खून के ज़िम्मेदार होंगे। तुम्हारे हाथ चीख चीख कर कहेंगे, इसने इंसानियत को ख़त्म करने में मेरा इस्तेमाल किया। अपने काले कारनामों को इस्लाम का चोला पहनाया और इस्लाम को बदनाम करने में भी बराबर का शरीक रहा।
अरे उस माँ के बारे में सोचो
जो अपने बच्चे को कॉल कर रही थी। पर तुमने तो उसे अपने वहशी मंसूबों का निशाना बना चुके थे। उसके मोबाइल स्क्रीन में लिखा हुआ था "Ammi Jan Calling".

याद रखना तुम क़ातिलों को अल्लाह दुनिया और आख़िरत दोनों जगह अपनी असली जगह दिखायेगा।

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