भाजपा नेताओं का पाकिस्तान प्रेम

जबसे शाहरुख खान ने असहिष्णुता वाला बयान दिया है, भाजपा की दूसरी पंक्ति के विवादित चहरों ने अपनी सीमाएं लांघकर बोलीवुड के बादशाह शाहरुख खान के सम्बन्ध में टिप्पणियाँ और बयानों की बौछार कर दी है। बयानों में खीजता इस हद्द तक थी, की किंग खान को पाकिस्तानपरस्त बताने में कोई कोर-व-कसर बाकी नहीं रखी गयी ।
विवाद की शुरुआत हुई थी, शाहरुख खान के द्वारा अपने जन्मदिन में दिए गए एक बयान के बाद " जिसमें उन्होंने देश में बढती हुई असहिष्णुता के विरोध पर पुरुष्कार लौटाने वालों के समर्थन में कहा था" कि देश में धार्मिक असहिष्णुता बढ़ रही है। इसके बाद मध्यप्रदेश से भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने एक के बाद एक ट्वीट कर कहा था कि "शाहरुख रहते भारत में हैं, और उनका दिल कहीं और होता है"
                  कैलाश विजयवर्गीय के बाद तो जैसे बयानों की झड़ी लग गई, अब हर भाजपा नेता अपने से दूसरे के द्वारा दिए गए बयान से आगे बढ़ने की कोशिश में लग गया था| इसके बाद साध्वी प्राची और योगी आदित्यनाथ ने भी अशोभनीय टिपण्णी की। भाजपा के सबसे विवादित चेहरों  में से एक योगी आदित्यनाथ तो शाहरुख की तुलना आतंकी हाफ़िज़ सईद से कर बैठे| इन सबके बाद जो नया बयान आया वोह था, भाजपा नेता और नाथूराम गोडसे के वकील प्राणनाथ लेखी की पुत्री मिनाक्षी लेखी का, उन्होंने भी वही पकिस्तान वाला राग अलापा । सुबह हुई तो शायद गिरिराज सिंह को लगा कि वोह बाकी रह गए हैं, और केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शाहरुख़ खान को पाकिस्तान जाने की सलाह दे डाली ।
                 इस पूरी घटना में एक चीज़ कॉमन है, और वोह है पकिस्तान। सारे भाजपा नेता पकिस्तान का ज़िक्र करते पाए गए, और ये पहली बार नहीं है। इससे पहले भी भाजपा नेताओं से जो सहमत नहीं होता उसे पकिस्तान भेजने की सलाह दी जाती है| क्यों भाई क्यों पकिस्तान जाएँ ? क्या आप वहाँ के पर्यटन मंत्रालय के ब्रांड एम्बेसडर हैं, जो हर वक़्त हम भारतियों को पकिस्तान जान एकी सलाह देते रहते हो| एक बात और आप  सबने गौर की होगी भाजपा नेताओं ने शाहरुख खान के दिल के बारे में कहा,की उनका दिल पकिस्तान में लगा रहता है या शाहरुख खान पकिस्तान का राग अलापते रहते हैं । जबकि शाहरुख खान ने अपने बयान में एक भी बार पकिस्तान का ज़िक्र नहीं किया था । उनसे तो अपने देश के सम्बन्ध में सवाल किया गया था, और उन्होंने अपनी राय रखी थी। बात भी इतने अच्छे अंदाज़ में कि शायद ही भाजपा नेता और संघ का व्यक्ति इतने अच्छे शब्दों में अपनी बात रख सके। पर शाहरुख के बयान पर पर इतने तीखे हमले क्यों ? क्या ये नेता सस्ती लोकप्रियता के भूखे हैं ? या फिर धार्मिक घृणा इनके दिलों में हद  दर्जे की भरी हुई है! क्योंकि शाहरुख खान पहले व्यक्ति नहीं है, जो असहिष्णुता के बढ़ने की बात कर रहे हैं| देश में 100 से ज्यादा बुद्धिजीवी और कलाकार इस मुद्दे पर अपनी बात रख चुके हैं । वास्तव में ये देश एक अजीब दौर से गुजर रहा है, जहां सहनशीलता बिलकुल खत्म होते जा रही है। वहीँ भाजपा की दूसरी कतार के नेता और कार्यकर्त्ता बेलगाम होकर बयानबाजी कर रहे हैं, अक्सर इन नेताओं के मुंह से पकिस्तान भेजने का ही डायलॉग दोहराया जाता है| जैस इन्होने रत्ता मारकर बैठा हो । खैर पकिस्तान प्रेम भाजप नेताओं को अच्छी पब्लिसिटी दिलाता है   

Comments