नफ़रत दूरी बढ़ाती है, तो शक तोड़ने का काम करता है


मिया ये शक तो मियाँ बीवी में झगडे करा देता है, दो मुल्कों में जंग करा देता है! बाप को बेटे से अलग करा देता है| कानपुर में एक युवक पर शक था, की वोह पाकिस्तानी हो सकता है इसलिए कभी देश की सीमा में न लड़ने वाले फर्जी राष्ट्रवादी और देश के सबसे बड़े हुडदंगियों के समूह ने उसे मार डाला! ये है हमारे लोकतंत्र का मजाक बनाने वाले भीडतंत्र के वाहकों के काले कारनामे| कल ही दादरी काण्ड भी हुआ था, जो नफरत की पराकाष्ठा का एक जीता जागता सुबूत है| भारतीय मुस्लिम नफरत,शक और अफ़वाह की कहानी का न जाने कितनी बार शिकार हो चुका है| हद्द तो तब हो जाती है, जब भारत में पैदा होने वालों से भारतीय होने का सुबूत माँगा जाता है| जैसे सुबूत मांगने वाले खुद पर भारतीय और देशप्रेमी होने का सर्टिफिकेट लेकर पैदा हुए हों, इतना ही नहीं सर्टिफिकेट बांटने का अधिकार भी लेकर पैदा होते हैं| इतनी नफरत और जहर इनके दिल-व-दिमाग में भरा है, जिसका कोई हिसाब नहीं| वोह हुडदंग करें, हल्ला मचाएं, सरकारी संपत्ति को नुक्सान पहुंचाएं. पर मजाल है कोई उनसे देशभक्त होने का टैग छीन ले| वोह दंगे करें लोगों को मार दें, उनके खिलाफ आवाज़ उठाने वाला या तो मार दिया जाएगा, या फिर देशद्रोही घोषित कर दिया जायेगा| ये बातें हवाबाज़ी नहीं है,उनके विचार उनके लिटरेचर में देखने को मिल जाते हैं| उस हुडदंगी जमात ने देश और समाज का जितना नुक्सान किया है, शायद ही किसी ने किया हो| लोगों की मानसिकता जिस नफरत की सड़ांध के बीच पल रही है, उस सड़ांध से निकलने वाली बांस से भारतीय समाज की एकता और अखंडता का दम घुट रहा है|
16 मई 2014 के बाद से अचानक देश के वातावरण में बदलाव हुआ,नफरत और अफ़वाह फैलाने वाले अब खुले आम नफरत फैला रहे हैं| पुणे में हुए मोहसिन हत्याकांड से एक सिलसिला शुरू हुआ था जो अखलाक़ तक सतत जारी रहा है| आखिर इस तरह की घटनाओं के लिए जो मानसिकता जिम्मेदार है, उसपर बात क्यों नहीं की जाती? याद रखिये ये भी एक प्रकार का अलगाववाद है| देश के एक समुदाय से दूसरे समुदाय को अलग रखने की एक बड़ी साज़िश है| याद रखिये आज तक नफरत और शक से किसी का कोई भला नही हुआ|
नफ़रत दूरी बढ़ाती है, तो शक तोड़ने का काम करता है| शक और नफरत को मिटाने की ओर क़दम बढाईये! देश को तोड़ने वाली ताक़तों के जाल में फंसने से बचिए, तथ्यों को छानिये, जाँचिये फिर किसी बात पर विश्वास करिए!

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