समय सोशल मीडिया का है

समय सोशल मीडिया का है, लगभग हर घर से कोई ना कोई व्यक्ति सोशल मीडिया से जुडा हुआ है। एक ऐसा दौर चल पड़ा है, की हर व्यक्ति स्मार्टफोन से लबरेज़ है।  2004 के बाद से देश में संचार क्रान्ति का उय हुआ और पिछले 10-11 सालों में उस संचार क्रान्ति ने हमारी जीवन शैली को पूरी तरह से बदल दिया। आज से 60 वर्ष पूर्व के परिपेक्ष्य पर जाकर देखिये,खुदको 1947 के दौर में रखकर देखिये!
शायद उस वक़्त के लिहाज़ से ये एक ख्वाब ही हो सकता है।  होलीवुड फिल्मों में दिखाई जाने वाली तकनीक हो या फिर उन्ही फिल्मों में जेम्स बांड का तकनीकी उपकरणों से लबरेज़ होना, सब अकल्पनीय सा लगता था। सोशल मीडिया भी एक अकल्पनीय तकनीक थी। आज सोशल मीडिया के ज़रिये जिस तरह दुनिया एक दुसरे से रूबरू हो रही है, यह एक दूसरे को समझने में बेहद ही सहायक सिद्ध हुआ है।  एक समय था, जब साधनों के अभाव में दूर दराज़ के क्षेत्रों से ख़बरें लोगों तक पहुँच नहीं पाती थीं, पर सोशलमीडिया ने इन हालात को बदल दिया है! अब लोग अपनी बातों को कई लोगों तक पहुंचाने में सक्षम हैं। सोशलमीडिया की वजह से कनेक्टिविटी को नए आयाम मिले हैं।  सोशल मीडिया का गलत उपयोग भी हो रहा है, जोकि चिंता का विषय है।  हमें ये सुनिश्चित करना होगा, की हम कैसे इसके गलत उपयोग से खुदको और दूसरों को बचाते हैं।  

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