मध्यप्रदेश के नीमच में घर में ब्लास्ट के बाद का दृश्य |
क्या हमारे देश का मीडिया इतना असंवेदनशील हो चुका है, की सौ से अधिक जानें चली जाति हैं और ऐसा लगता है, मानों कुछ हुआ ही नहीं! अब समय है सोशल मीडिया और ब्लॉग के ज़रिये ऐसी घटनाओं के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए। आखिर ये घटनाएं हो कैसी रही हैं, यर डेटोनेटर और विस्फोटक सामग्री आ कहाँ से रही है? यह देश के लिए जानना बहुत ही आवश्यक है। क्योंकि अब ऐसा महसूस हो रहा है, जैसे पूरे प्रदेश को बारूद के ढेर पर बिठा दिया गया है। पहले सिमी के आतंकवादी फिर मालेगाँव, मक्का मस्जिद ब्लास्ट और समझौता एक्सप्रेस के आतंकवादी कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा वगैरह की गिरफ़्तारी भी मध्यप्रदेश से ही हुई थी। कुछ दिनों पूर्व मध्यप्रदेश से ही बारूद और डेटोनेटर की छड़ों से लादे ट्रकों के गायब होने की ख़बरें आई थीं। कुछ ही दिन पूर्व गुजरात से मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश करते हुए विस्फोटक सामग्री से लड़ा ट्रक मध्यप्रदेश पुलिस ने पकड़ा है। आखिर ये सब हो क्या रहा है, इन सबका सम्बन्ध किस आतंकी संगठन से है ?
इतना विस्फोटक रखने का मकसद क्या है?
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