आखिर बैन के भी अपने मज़े हैं

बोलिए आज किस पर बैन लगाया जाए? आखिर दिल अब बैन-बैन करने लगा है! आखिर बैन के भी अपने मज़े हैं, जाओ आज ऐलान करवा दो की हम एक बैन संहिता लेकर आ रहे हैं| सल्तनते हिन्द की अलग अलग रियासतों के पास हमारे इस फ़रमान को पहुंचा दिया जाए और जो इसे लागू न करे उसे खिताब-ए-बीमारू से नवाज़ा जाएगा! आखिर बैन का भी अपना मज़ा है, तुम क्या जानोगे कि बैन से सल्तनत को ताक़त मिलती है! अगर बैन न होता तो, सल्तनत हिल जाती! अवाम तक ये पैग़ाम पहुंचा दिया जाए की हम बैन को राष्ट्र्रीय शब्द और कई राज्य बैन को राजकीय पहचान के रूप में स्वीकारने वाले हैं! आखिर बैन को राष्ट्रीय पर्व भी घोषित किया जा सकता है,जिस पर्व में आपके खाने से लेकर सोने तक में पाबंदी होगी! बोले तो टोटल बैन :p आखिर बैन भी पहचान का एक प्रतीक है,बैन रोज़गार का जरिया है! न जाने कितने लोग बेरोजगारी से मुक्त हो जाते हैं! सॉरी अंकल आप नहीं समझोगे बैन देश को शिक्षित करता है! बैन की न बहुत अहमियत है, बैन देश में विदेशी निवेश बढ़ता है! अगर बैन न होता तो हम कैसे होते,ये देश कैसा होता! भाईसाहब आप जाने दो ये आपसे न हो पायेगा! अब आप खुदको बैन करिये, नहीं तो लेख पढने वाले आपको बैन कर देंगे! ओह्ह्ह तो ये बात है, ठीक है चलो अब बैन किया जाए!

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